Saturday, May 23, 2020

ग्लोबल वार्मिंग

जहाँ गंगा
जहाँ ऋषि
जहाँ सृजन व स्नेह
जहाँ तप, व सदसयता
जहाँ शांति एवं शीतलता
का अखंड साम्राज्य,
वो पहाड़ों के जंगल,
शिव की जटायें हैं ।
एक जंगल - एक जटा
उजड़ने पर ,
एक जटा - एक वीरभद्र,
बन सकता है - प्रलयंकारी,
काल भैरव का तांडव....
जो एक साथ
कई दक्षों के छद्म ,
नीतिशास्त्रों एवं यज्ञशालाओं की
उड़ा सकता है धज्जियाँ,
मिटा सकता है,
उनके नामोनिशान ,
मिटटी में मिला सकता है
क्षण भर में,
धनकुबेरों के महलों को  ,
दयाविहीन क्रूर सभ्यताओं को ।
खँडहर गवाह बनेंगे,
विलासिता के केंद्रों के,
जो अनीति, अनाचार ,
एवं शोषण के बुनियाद पर,
खड़े है, पले हैं, बढे हैं,
कुकुरमुत्तों की तरह,,,,,
देवदार एवं चीड़ के
जंगलों को काटकर ।
कि जंगल, पहाड़ों के आंसू
पिघलकर बन सकते है,
फिर किसी उत्तराखंड , कश्मीर,
या केरल का जलसैलाब ।

धरती-पहाड़ों , जंगलों ,
की छाती पर,
स्वार्थ की हज़ारों कीलें,
ठोक कर ,
जीसस को टांग दिया गया है,
अंधविकास की सूली पर ।

हे ईश्वर ,
हमें सहज प्रज्ञा दें,,,,
अपनी धरा को पहचान सकें,
जागृत हों
वेदों के मंत्र,,,,,
पृथ्वी शांतिः,
वनस्पतये शांति,
ॐ शांति  ।।

- मुरारी श्रीवास्तव 

Sunday, May 10, 2020

माँ

छोटे छोटे क़दमों को
उसने चलना सिखाया
सही बुरे के ज्ञान को
उसने ही हमें बतलाया ,

देवी का स्वरुप,
मातृत्व की परछाई
दुनिया के हर झूठों में
एक मात्र सच्चाई

कभी खिले हुए मन को
आनंद का पाठ पढ़ाती
भारी ह्रदय के दुःख को
अपना समझ कर अपनाती

रुक जाता हूँ थक कर
तो फिर से उठाती
ना जाने कितने कहानियां
कितने किस्से रास्तों में बिछाती

सो नहीं पाता
तो उसे नींद नहीं आती ,
मेरे आने से पहले ही ,
मेरे दस्तक को जान जाती















थकती नहीं कभी ,
वो हमें आराम देने से
रोक नहीं पाती वो खुद को
हमारी चिंताएं लेने से

हृदय में पवित्रता
और मनोबल की शक्ति
हर दिन हमें वो सिखायें
अटूट विश्वास श्रद्धा और भक्ति,

हर रात के बात सुबह होगी,
उनके ये शब्द अमूल्य है
इंतज़ार से न घबराना, और जीवन में महानता पाना,
उनकी ये सोच अतुल्य है ,

आपके आशीर्वाद के हम है इच्छुक
गलतियां करने वाले हम अकल के कच्चे,
आज भी आप वही मम्मी है,
और आज भी आप वही बच्चे ,

नमन है आपको माँ
आप सदैव मुस्कुराएं
आपके चरणों की थाप पे
देवता भी पुष्प चढ़ाएं

-सिद्धार्थ

मेरी कहानी

 एक शक्ति है अजीब सी ,  एक प्रकाश है गजब का ,  एक पुंज है अनंत सा,  ना शुरू, ना ही अंत सा,  हर समय, हर पल ,  एक नशा,  एक राह है अधूरी सी,  ल...