जीवन एक सागर है,
सासें है एक नौका,
राहगीर है खेवैया ,
हर पल ढूंढें मौका,
लहरों पर डूबती उतराती,
चलती जाये हर पल,
अपनी मंजिल को पाने को ,
जलती जाये हर पल,
आंधी और तूफ़ान है ,
बस इस सफर का हिस्सा ,
कभी है नाटक, कभी नौटंकी,
कभी कहकहा, कही किस्सा
संभल कर गिरना
और गिर कर संभलना,
ढल कर डूबना ,
और डूब कर ढलना
जीवन का यह सार है,
सीखा जिसने यही सत्य है ,
उसकी नौका पार है
-सिद्धार्थ
सासें है एक नौका,
राहगीर है खेवैया ,
हर पल ढूंढें मौका,
लहरों पर डूबती उतराती,
चलती जाये हर पल,
अपनी मंजिल को पाने को ,
जलती जाये हर पल,
आंधी और तूफ़ान है ,
बस इस सफर का हिस्सा ,
कभी है नाटक, कभी नौटंकी,
कभी कहकहा, कही किस्सा
संभल कर गिरना
और गिर कर संभलना,
ढल कर डूबना ,
और डूब कर ढलना
जीवन का यह सार है,
सीखा जिसने यही सत्य है ,
उसकी नौका पार है
-सिद्धार्थ